ग्रीन कंप्यूटिंग क्या है | green computing in hindi

टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को सरल बनाती है लेकिन हम अपने कामो को आरामदायक बनाने के चक्कर में पर्यावरण की सुरक्षा को नज़रअंदाज़ कर देते है। क्या आप जानते है इनको बनाने में कुछ विषैली साम्रगी का भी प्रयोग किया जाता है ये आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और पर्यावरण को प्रदूषित भी करते है। हम अब इन टेक्नोलॉजीज के इतने आदि हो गए है की प्रदूषण को रोक तो नहीं सकते लेकिन बहुत हद तक कम कर सकते है। उसमें एक सबसे अच्छा तरीका है ग्रीन कंप्यूटिंग करके। आइए जानते है ग्रीन कंप्यूटिंग क्या है (green computing in hindi) और ग्रीन कंप्यूटिंग कैसे लागू कर सकते हैं। (How to implement green computing) ,पर्यावरण को कैसे बचा सकते है।

ग्रीन कंप्यूटिंग क्या है (what is green computing?)

ग्रीन कंप्यूटिंग शब्द 2 शब्दों से मिलकर बना है। ग्रीन का मतलब ‘ पर्यावरण या प्रकृति ‘ और कंप्यूटिंग का मतलब है ‘ प्रोसेस करना ‘  ग्रीन कंप्यूटिंग एक study/practice है जिसमें कंप्यूटर रिलेटेड devices का manufacture, design, disposal और recycle ऐसे तरीके से किया जाता है की जिससे पर्यावरण को कम से कम नुक्सान हो।

जैसे की ग्रीन कंप्यूटिंग के अंतर्गत ऐसे कंप्यूटर devices बनते है जिसमें कम radiation, कम बिजली की खपत होती है, और उसके इस्तेमाल के बाद उसका आसानी से recycle या reuse भी किया जा सके। मतलब की पर्यावरण को बिना नुक्सान पहुचाये कंप्यूटिंग करना। इसको हम ग्रीन टेक्नोलॉजी भी कह सकते है।

ग्रीन कंप्यूटिंग का इतिहास (History of green computing in hindi) :

इसके इतिहास की बात करे तो- 1982 में ग्रीन कंप्यूटिंग, energy star program के लांच के दौरान ये अस्तित्व में आयी। energy star प्रोग्राम, EPA ( Enviromental protection agency) और DOE (Department of energy) का एक जॉइंट प्रोग्राम था। जिसका लक्ष्य बिजली की बचत और computers द्वारा कम heat पैदा करवाना था। क्युकी दुनिया भर के कम्प्यूटर्स और IT products वातावरण पे इसका बहुत बुरा प्रभाव होता है। 

इन्ही समस्यों को देखते हुए इस प्रोग्राम आयोजन किया गया था। इस प्रोग्राम में कंप्यूटिंग product के manufacturing से लेकर इसके disposal तक सारे points पर बात प्रस्तुत की गयी थी।

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ग्रीन कंप्यूटिंग क्यों करनी चाहिए ?

हम जानते है की कंप्यूटर दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। और जो कंप्यूटर resources है उनको इस्तेमाल करने के लिए कहीं न कहीं नेचुरल resources का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे की कंप्यूटर की मैन्युफैक्चरिंग में लगने वाला raw material , कंप्यूटर को चालू करने के लिए electricity और कंप्यूटर को डिस्पोजल करने के लिए natural resources का इस्तेमाल करना आदि।

पर इन सभी से पर्यावरण को सीधे तौर पर नुक्सान होता है। तो कंप्यूटर रिसोर्सेज को अच्छी तरह से यूज़ करने, जिससे की पर्यावरण को कम नुक्सान हो इसलिए ग्रीन कंप्यूटिंग करनी चाहिए।

  • लगने वाली लागत और electricity की बचत होगी। 
  • पर्यावरण के लिए लाभदायक है 
  • ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए

हम ग्रीन कंप्यूटिंग कैसे लागू कर सकते हैं। (How to implement green computing in hindi)

Recycle E-waste : सरकार के नियमो को ध्यान में रखते हुए E-waste को recycle करे। manufacture को भी सामान बेचने के बाद Recycling सुविधा भी कस्टमर को देनी चाहिए। ये इ-waste वही है जो इलेक्ट्रॉनिक्स आप रोजाना अपने घरो में इस्तेमाल करते है। जोकि टाइम के साथ या तो ख़राब हो जाते है या फिर जिनका इस्तेमाल नहीं होता।

आप इन इलेक्ट्रॉनिक waste को सर्टिफाइड इ-waste recycler को भी सौप सकते है वो इनको Recycle करके new जैसा दुबारा इस्तेमाल करने लायक बना देंगे। आप अपने E-waste को NGO’s या ग्रामिण schools में भी दान कर सकते है। जहा पर उनका अच्छे से reuse हो सकता क्युकी वहां बच्चे और महिलाये जो कंप्यूटर स्किल्स सिखने के इच्छुक है जोकि इनका इस्तेमाल करके सिख सकते है।

How-to-implement-green-computing-in-hindi

पर्यावरण को ध्यान में रखकर खरीदारी करें (Make Enviroment sound purchase decisions ) :

हमें उन कंप्यूटर devices को खरीदना चाहिए जिनका  Eco-friendly तरीके से प्रोडक्शन हुआ हो और product का packaging मटेरियल भी कम इस्तेमाल किया गया हो।

कागज़ का कम इस्तेमाल करें (Reduce paper consumption) :

Kagaz पे पत्र लिखने से अच्छा है की हमें e-mails का इस्तेमाल करना चाहिए. जिससे kagaz की कम खपत होंगी और हमारा सन्देश भी पहुंच जाएगा।

जब भी kagaz में correction करने की जरुरत पड़े तो बेहतर है की कागज़ में correction ना करके इलेक्ट्रिकल डॉक्यूमेंट में tracking फीचर इस्तेमाल करे जिससे टाइम टाइम पे होने वाले correction की डिटेल्स फीड होती रहे। और जब भी किसी डॉक्यूमेंट का print निकलने की जरुरत पड़े तो पेपर के दोनों साइड पे प्रिंट निकाले.

ऊर्जा का महत्व आप सब जानते ही होंगे इस दुनिया भर में हर व्यक्ति कम या ज्यादा, ऊर्जा का प्रयोग कर रहा है. बिना ऊर्जा के कुछ भी करना संभव नहीं है आप सभी अपने दैनिक जीवन में टीवी, रेफ्रिजरेटर , कूलर , पंखे उपकरण आदि। का उपयोग करते है लेकिन क्या आप जानते है ? इन उपकरणों को चलाने में  अधिक मात्रा में ऊर्जा की खपत होती है।

ऊर्जा के खपत करने के साथ साथ हमें ऊर्जा संरक्षण पर भी धयान देना चाहिए। 

ऊर्जा संरक्षण (Energy conservation) :

ऊर्जा का महत्व आप सब जानते ही होंगे इस दुनिया भर में हर व्यक्ति कम या ज्यादा, ऊर्जा का प्रयोग कर रहा है. बिना ऊर्जा के कुछ भी करना संभव नहीं है आप सभी अपने दैनिक जीवन में टीवी, रेफ्रिजरेटर , कूलर , पंखे उपकरण आदि। का उपयोग करते है लेकिन क्या आप जानते है ?

इन उपकरणों को चलाने में अधिक मात्रा में ऊर्जा की खपत होती है। ऊर्जा के खपत करने के साथ साथ हमें ऊर्जा संरक्षण पर भी धयान देना चाहिए। जिससे हमारी आने वाली generation के लिए पर्याप्त ऊर्जा हो। 

ऊर्जा संरक्षण मतलब, हमारे पास जितनी भी ऊर्जा मौजूद है उसका इस्तेमाल इस तरीके से किया जाए जिससे कम ऊर्जा या एनर्जी की खपत हो और ज्यादा से ज्यादा बचत हो। उसको हम ऊर्जा संरक्षण (energy conservation) कहते है। 1991 से प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है जिसमें लोगो को ऊर्जा का महत्व समझाया जाता है और ऊर्जा संरक्षण के लिए नई नई  नीतियां बनायीं जाती है। साथ ही लोगो को जागरूक किया जाता है।

ग्राहक रणनीति विकसित करें (Develop thin client strategy)

thin client strategy में इन चीज़ो का उपयोग शामिल है :

  • संभव है तो Desktop computer का इस्तेमाल करने की वजाये हमें notebook computers का उपयोग करना चाहिए। 
  • जरुरत न पड़ने पर printers को turn off कर देना चाहिए।
  • CRT मॉनिटर का उपयोग करने से अच्छा है हमें LED मॉनिटर का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • बल्ब की बजाये मॉडर्न LED lights का उपयोग करना चाहिए। क्युकी LED lights, bulb की अपेक्षा कम ऊर्जा की खपत करती है। 
  • इस इंटरनेट के ज़माने में ,Travel करने से अच्छा है की web conferencing करना चाहिए।
  • प्रिंटर की cartridges ख़तम होने के बाद उसे फेंकने की बजाये उसको refill करवा ले।

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ग्रीन कंप्यूटिंग के फायदे और नुक्साने ( Advantages and Disadvantages of green computing in hindi) :

ग्रीन कंप्यूटिंग के फ़ायदेग्रीन कंप्यूटिंग के नुकसान
इसमें कम बिजली की खपत होती है।लागू करने के लिए बहुत खर्चा होता है।
हरित वातावरण बनाने में मददगार है।लागातार टेक्नोलॉजी चेंज हो रही है।
कम खर्च में कंप्यूटिंग कर सकते है।user को केयर करने की ज़रूरत है।
संसाधनों का संरक्षणग्रीन कंप्यूटिंग को गहनता से पड़ने की ज़रूरत है.
कम प्रदूषण फैलाता है।ग्रीन कंप्यूटिंग से सम्बंधित पाठयक्रम बहुत काम उपलभ्ध है
Recycling को प्रोत्साहित करता है जिससे electronic-waste कम होगा।

ग्रीन कंप्यूटिंग का भविष्य (Future of Green computing) :

ग्रीन कंप्यूटिंग में हाल ही में कुछ उन्नति ज़रूर हुई है क्युकी जैसे जैसे नई टेक्नोलॉजी दुनिया में प्रकट हो रही है। वैसे वैसे टेक्नोलॉजी भी eco -friendly को ध्यान में रखकर विकसित करने की कोशिश की जा रही है।

हो सकता है की कुछ Manfacturers , Enviroment फ्रेंडली प्रोडक्ट्स का उत्पादन नहीं करेंगे, क्योंकि वे खुद को बाजार की हिस्सेदारी खोते हुए पाएंगे क्योंकि ग्राहक घर पर होने वाले प्रभाव के बारे में अधिक जागरूक हो जाते हैं। आने वाले समय में ग्रीन कंप्यूटिंग का भविष्य चिंता के तीन मूल क्षेत्रों का मिलाप देखा जा सकता है। निर्माण, उपयोग और निपटान।

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हाल ही में ग्रीन कंप्यूटिंग में कार्य हुए (Recent implementation of green computing) :

Blackle : ब्लैकल मतलब, गूगल सर्च करने के लिए ब्लैक स्क्रीन का यूज़ करके ऊर्जा बचाने वाला फीचर है। क्या आप जानते है ? एक सफ़ेद गूगल सर्च पेज कम से कम 74W का प्रयोग करता है और वही पे blackle सिर्फ 59W इस्तेमाल करता है।

Zonbu Computer : एक प्रकार का tiny form-factor PC है। जिसे zonbox भी कहते है। जिसमें कोई भी hard drive, fans और ना ही कोई मूविंग parts होते है। इसे zonbu company द्वारा ‘green pc’ को धयान में रखकर बनाया गया है। fans न होने की वजह से ये बिलकुल silently चलता है। ये computer 512mb RAM के साथ linux operationg system पर काम करता है।

sun ray computing : सन रे कंप्यूटिंग एक thin client implementation है जो desktop computer जैसी क्षमताओं वाला काम कर सकता है और उन सब कामो के लिए अच्छी गति भी प्रदान करता है। ये solaris OS और linux पर काम करता है।

आज आपने क्या सीखा :

दोस्तों मैं आशा करता हु की ये article आपको पसंद आया होगा और आपने ग्रीन कंप्यूटिंग क्या है (green computing in hindi)औरग्रीन कंप्यूटिंग कैसे लागू कर सकते हैं। (How to implement green computing) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हो गयी होगी। कृपा करके निचे कमेंट में बताये की कंप्यूटर साइंस के किस टॉपिक पर आपको सम्पूर्ण जानकारी चाहिए। मैं आपके कमेंट का रिप्लाई ज़रूर करूँगा। और अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करे।

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